"झकझोरती जिंदगी"

पहले झकझोरती है 
फिर बटोरती है
ऐसी है जिंदगी
जो कुछ कहने से
पहले टटोरती है
सबब कई देती है
रौंद कर ,फिर निचोड़ती है
सब फ़ल सफों का फल यही है
जो सही है
उसे ही सँजोती है जिंदगी
आँधियों को तुफानो मे
बदल देती है
फिर कुछ सुख के पल
देती है जिंदगी......
पहले झकझोरती
फिर बटोरती है जिंदगी.....
-सोहन सिंह

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